कतर के दोहा में हुआ इजरायली हमलो के बाद सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ किया रक्षा समझौता। यह समझौता दो तरफी समझौता है। अगर किसी ने सऊदी अरब पर हमला किया तो वह पाकिस्तान पर हमला समझ जाएग और अगर पाकिस्तान पर हमला हुआ तो वह सऊदी अरब पर हमला माना जाएगा। यह समझो तो करने का में रीजन यही है कि सऊदी अरब के पास एटम बम नहीं है। और इजरायल के पास एटम बम है। और पाकिस्तान के पास भी एटम बम है इसकी वजह से पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच समझौता हुआ है। पाकिस्तान अब सऊदी अरब की मदद करने के लिए इसराइल के सामने अपने हथियार और सैन्य को मैदान में उतर सकता है। और इस समझौते से हम हिंदुस्तान वासियों क को भी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। हमारे सऊदी अरब के साथ अच्छे ताल्लुक है। लेकिन पाकिस्तान के साथ हमारे अच्छे ताल्लुक नहीं है। अभी कुछ महीने पहले ही हिंदुस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान के खिलाफ लॉन्च किया था। तब तो सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान का कोई समझौता नहीं था। लेकिन अगर भारत दोबारा ऐसा करता है तो इस समझौते के मुताबिक पाकिस्तान में क्या जाने वाला हमला सऊदी अरब पर किया गया है ऐसा माना जाएगा। जिस तरह अमेरिका ने नाटो बनाया है रक्षा के लिए इसी तरह इसी तरह पाकिस्तान और सऊदी अरब ने भी एक ऐसा ही कुछ एग्रीमेंट किया है रक्षा के लिए।

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