आरएसएस एक हिंदुस्तान की बड़ी धार्मिक जमात है। जो हिंदुओं को एकजुट करने की बात करती है हमेशा से। जिसने हिंदुस्तान के मुसलमान का कभी अच्छा नहीं चाहा है। इसका एक ही नजरिया है कि हिंदुस्तान में रहने वाला हिंदू ही हिंदुस्तान का है बाकी सब बाहर से आए हुए हैं मुसलमान हो या फिर ईसाई धर्म हो।
आरएसएस की जमात को 100 साल पूरे हो चुके हैं।
इस मौके पर मोहन भागवत जी का एक बयान आया है। इसमें उन्होंने कहा कि इस्लाम और ईसाइयत दोनों बाहर से आए हुए धर्म है लेकिन उन धर्म को यहां के लोगों ने एक्सेप्ट किया इसलिए यहां के मुसलमान और ईसाई लोगों के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। और सब को साथ लेकर चलना चाहिए।
यह जो नजरिया आरएसएस का है हमें लगता है कि उन्होंने अपनी नजरिया में थोड़ा बदलाव किया है और जो काबिले तारीफ है।
मोहन भागवत जी का इस बयान के बाद हिंदुस्तान के मुसलमान की आवाज मौलाना अरशद मदनी साहब का भी बयान सामने आया है। उन्होंने मोहन भागवत जी के इस बयान की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि आरएसएस का नजरिया का यह बदलाव हिंदुस्तान में भाईचारा बढ़ाएगा।

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